धन तेरस पर घर से निकला प्यार मिले तो खरीदूं
मिल जायेगा कौन दुकां पर प्यार मिले तो खरीदूं
बहुत दुकाने सजा धजा कर बैठे है दुनिया वाले
यार मेरा मुझको ना मिलया यार कहाँ से खरीदूं
चांदी की वीणा थी मेरी और स्वरों में स्वर्ण बसा
लय धुन जो झंकृत मन करदें तार कहाँ से खरीदूं
दुनिया की बाते सुन सुन कर मन मेरा है खिन्न हुआ
जो खुश कर दे दुनिया भर को हार कहाँ से खरीदूं
सागर नाम स्वयम मेरा है डूब रहा मैं सागर में
भवसागर से जो पार लगा दे नाव कहाँ से खरीदूं
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