प्रेम पथ on November 09, 2013 Get link Facebook Twitter Pinterest Email Other Apps प्रेम पथ आइये , स्वागतम हम कर्रें तुलसी दल बन मिलो आचमन हम करें प्रीत के इस हवन में जो समिधा बनो अग्नि में काठ सा बन के हम भी जलें रोकिये न कदम , तोडिये न ह्रदय, प्रेम कलियों से नाजुक जिगर है मेरा Asihsh ( Sagar Suman ) Comments
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