प्रेम पथ




प्रेम पथ आइये , स्वागतम हम कर्रें
तुलसी दल बन मिलो आचमन हम करें
प्रीत के इस हवन में जो समिधा बनो
अग्नि में काठ सा बन के हम भी जलें

रोकिये न कदम , तोडिये न ह्रदय, प्रेम कलियों से नाजुक जिगर है मेरा
Asihsh ( Sagar Suman ) 

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