प्रीत का बंधन on December 12, 2013 Get link Facebook Twitter Pinterest Email Other Apps तुम्हारी प्रीत का बंधन* अभी तक है नहीं टूटा तेरा रिश्ता मगर मुझसे* अभी तक है नहीं रूठा निचोड़े है उजाले भी *किन्ही बंजर सी रातों से अँधेरे से मेरे दिल में *उजाला क्यूँ नहीं फूटा Sagar Suman Comments
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