चुभा काँटा मुझे - Chubha kaanta mujhe tha ..... on October 27, 2013 Get link Facebook Twitter Pinterest Email Other Apps किसी की बात से कोई सदा बहका ही करता है वही इक फूल था मैं जो सदा महका ही करता है चुभा काँटा मुझे था पर कोई रोया बहुत उस दिन अँधेरे में दिया कोई किसी ज्योति से जलता है आशीष ( सागर सुमन ) Comments
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