हदों को पार कर उसको सितम की हद पे छोड़ा है


पहले ज़माने की मोहब्बत में त्याग , समर्पण की बात आती है , आजकल इस तरह की नायिका हिंदी फिल्मो में भले ही जीवित हो परन्तु वास्तिविकता में इनका अभाव हो गया है , आजकल प्रेम और त्याग की बात करने पर जवाब आता है , समर्पण ........ ओह माय फुट...... आजकल नायिका और नायक दोनों अपने अपने ढंग से इश्क करते है .... आज तू कल कोई और ..........

पर इन सब बातों में कुछ लोग जो परम्प्रून पर आधारित है वो जब आते है तो और उन्हें यही जवाब मिलता है .. तो इस माहौल में उन्हें भी सबक सिखाना तो बनता ही हैं , तब कलम कहती है


हदों को पार कर उसको सितम की हद पे छोड़ा है
जहर देकर किसी विषधर का फन भी आज तोडा है
कहे मुझको जमाना भी सितमगर उस मोहब्ब्बत का
किया मैंने जो उसके संग अभी थोडा ही मोड़ा है

hado ko paar kar usko sitam ki had me 6oda hai
jehar dekar kisi vioshdhar ka fan bhi aaj toda hai
kahe mujhko jaman abhi sitamagar us mohabbat ka
kiya maine jo uske sang abhi thoda hi moda hai 


Ashish ( Sagar Suman ) 

Comments