मर मर के भी लोग जिया करते है



मय खाने में छलके जाम तो पिया करते है 
आँख में छलके जो आंसू तो पिया करते है 

रात की  उतरी ही नहीं जो पी हमने 
सुबह से शाम तेरा नाम लिया करते है 

दिल तो थामा था तेरा हाथ नहीं हमने 
टूटे दिल को भी तो लोग सिया करते है 

तेरे दामन से आये जो सदा वो सुनी हमने 
यहाँ मर मर के भी लोग जिया करते है 

दिल तो थामा था तेरा हाथ नहीं हमने 
टूटे दिल को भी तो लोग सिया करते है 

बदला ए मोहब्बत में जो पाया हमने 
मय में डुबोकर के जख्मों को लिखा करते है  
Ashish ( Sagar Suman)

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